ज़िंदा रहे जिंदादिली ,प्रेरित करे यह ज़िन्दगी
संघर्ष में ज़िंदा जले , शोलों से आज़ादी मिली
वो दीप थे प्रकाश के . नक्षत्र थे आकाश के
उनको सदा सादर नमन, माली थे महकाया चमन
पीछे हटे ना वक़्त पे, सींचा धरा को रक्त से
कुर्बानियों की प्रेरणा के फूल बिखरे हर गली
संघर्ष में ज़िंदा जले ,शोलों से आजादी मिली
देकर गए स्वामित्व वो ,अधिकार औ दायित्व वो
कुर्बानियों की प्रेरणा के फूल बिखरे हर गली
संघर्ष में ज़िंदा जले ,शोलों से आजादी मिली
देकर गए स्वामित्व वो ,अधिकार औ दायित्व वो
लहराए चिर आकाश में , ध्वज हर्ष में उल्लास में
थाती की रक्षा कर सकें, मरना पड़े तो मर सकें
होगी शहीदों के प्रति , सच्ची यही श्रधांजली
संघर्ष में ज़िंदा जले , शोलों से आज़ादी मिली घनश्याम वशिष्ठ
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