kavighanshyam
Saturday 7 January 2012
ख्वाब टूटा होश में आया तुम्हें देखा तभी
क्या जलाल ए हुस्न था के होश मेरे उड़ गए
घनश्याम वशिष्ठ
Friday 6 January 2012
चिलमन से बाहर आओ
हम भी बहार देखें
घनश्याम वशिष्ठ
Thursday 5 January 2012
तेरी आँखों में घडी भर क्या देखा
शराब धेले भर की रह गयी
घनश्याम वशिष्ठ
Wednesday 4 January 2012
मेरी समझ के कान ही बहरे थे
वरना, तुम्हारी तो आँखें बोलती हैं
घनश्याम वशिष्ठ
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