kavighanshyam
Saturday 16 November 2013
माना उनकी फितरत में फ़रेब है ,
पर , विश्वास करना हमारा ऐब है .
घनश्याम वशिष्ठ
Thursday 14 November 2013
मन के कोढ़ को ढ़क कर ,
वो आए, इत्र छिड़क कर .
घनश्याम वशिष्ठ
Monday 11 November 2013
नफरत की जमाखोरी की शिकार,क्या हुई
आग।
मेरे घर, ना चूल्हा जला ना चिराग
घनश्याम वशिष्ठ
Thursday 7 November 2013
सोच रहा है आहत अमन ,
कब होगा कलिहारी आग का शमन .
घनश्याम वशिष्ठ
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