kavighanshyam
Monday 31 October 2011
मिल सका न जो बाट जोहकर
मिला ,देखा जो दिल में टोहकर
घनश्याम वशिष्ठ
Tuesday 25 October 2011
है ,तो रहे ,मावस की रात काली
दीपक हैं ना , मनाओ दिवाली
शुभ दीपावली
घनश्याम वशिष्ठ
Monday 24 October 2011
तुम क्या समझती हो ,तुम्हें जला रहा हूँ
अरे नासमझ ,मैं तो मोम पिंघला रहा हूँ
घनश्याम वशिष्ठ
Sunday 16 October 2011
वो आईं , जगा कर गयीं
ख्वाब में भी दगा कर गयीं
घनश्याम वशिष्ठ
Saturday 15 October 2011
करवा चौथ पर विशेष ...
दिनभर यूँ , चाँद का इंतज़ार न किया होता
गर, मेरी आँखों से आईना देख लिया होता
घनश्याम वशिष्ठ
Friday 14 October 2011
छुपाती हो पल-पल,क्यूँ पल्लू से चेहरा
डरती हो क्या , जी न भर जाए मेरा
घनश्याम वशिष्ठ
Wednesday 12 October 2011
लोगों को नाकामियाँ भी रास आती है
मजनुओं को तो ख़ास आती है
घनश्याम वशिष्ठ
Monday 10 October 2011
ये शहर ऐसा ही है , कमबख्त
न पैसा बच पाता है , न वक़्त
घनश्याम वशिष्ठ
Sunday 9 October 2011
ज़ालिम, कम से कम अब तो याद ना आ
अब तो हिचकियों ने भी दम तोड़ दिया
घनश्याम वशिष्ठ
Saturday 8 October 2011
दिल जो उनसे क्या लगा
फिर कहीं भी ना लगा
घनश्याम वशिष्ठ
Friday 7 October 2011
लोगों ने मुझे काँधों पर उठा लिया
अफ़सोस! ये जीते जी न हुआ
घनश्याम वशिष्ठ
Wednesday 5 October 2011
हम अभाव भरा चेहरा छुपाते हैं
वो कहते हैं कि भाव खाते हैं
घनश्याम वशिष्ठ
Tuesday 4 October 2011
इश्क के इम्तिहान का नतीजा ,नो कमेन्ट
मतलब , फिर कम्पार्टमेंट
घनश्याम वशिष्ठ
Saturday 1 October 2011
हाय ..हाय ये महंगाई .....
कभी तो दिखा दिया करो ज़ालिम,प्यार के भाव
उकता गया हूँ देख-देख ,बाज़ार के भाव
घनश्याम वशिष्ठ
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