Friday 30 November 2012

दिल की न कहते, तो अच्छा था 
मुगालते में रहते ,तो अच्छा था 

घनश्याम वशिष्ठ 

Thursday 15 November 2012

त्योंहारों के दिन ,
वक़्त का पाँव एक्सीलेटर से नहीं हिला ,
कमबख्त को कहीं जाम ही नहीं मिला .

घनश्याम वशिष्ठ 

Monday 12 November 2012


अभावों की आहट मन में न आए , 
बस राजी ख़ुशी दिवाली  मन जाए 

घनश्याम वशिष्ठ 

Saturday 10 November 2012

कलैंडर टांग कर, दीवारों के पैचज़ भर लें 
लिपाई पुताई नहीं ,चलो लीपापोती ही कर लें .

घनश्याम वशिष्ठ 

Friday 9 November 2012

कहाँ पहुँच गया है राजनेताओं की ख्याति का स्तर ,
सहज ही विश्वसनीय  लगती है भ्रष्टाचार की खबर 

घनश्याम वशिष्ठ 

Tuesday 6 November 2012

श्रीमान गडकरी, 
करवा दी ना  पार्टी की किरकिरी ,
क्यूँ तौलने लगे लोगों का आईक्यू .
आखिर ऐसी बात भेजे में आई क्यूँ 
.
घनश्याम वशिष्ठ 


Monday 5 November 2012

घर बसाने  के लिए ,एक अदद घर ज़रूरी है ,
तुम्हे प्रपोज़ करने की इच्छा आज भी अधूरी है 

घनश्याम वशिष्ठ 

Saturday 3 November 2012

हया ओ अदा से जब ,झुकीं थी तुम्हारी पलकें 
दिल में आज तक होते है ,स्पंदन उस पल के 

घनश्याम वशिष्ठ 
बेचारी जनता ......
न जानें किस मत के भरोसे है ,
सच तो ये है किस्मत के भरोसे है .

घनश्याम वशिष्ठ