Tuesday 19 July 2011

बेबस हों गए.............

बेबस हों गए.............

लोग कहतें हैं ये हमसे, हम भंवर में खो गए 
हम ये कहते  हैं किनारे ,दूर हमसे हों गए 
हाथ हमनें भी बहुत मारे थे लेकिन क्या करें 
रूठ हमसे जब गयी किस्मत तो बेबस हों गए 

घनश्याम वशिष्ठ

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