kavighanshyam
Friday 8 July 2011
मधुशाला की मधुशाला
मधुशाला की मधुशाला
आशंकाओं की हाला से
भरा हुआ जीवन प्याला
प्रियतम कैसे कहूँ तुझे
मै आशंकित साकी बाला
कैसे होगा प्रणय निवेदन
लब लोचन आशंकित हैं
आशंका के अवनि अम्बर
आशंका की मधुशाला
घनश्याम वशिष्ठ
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