kavighanshyam
Friday 1 July 2011
मधुशाला की मधुशाला
मधुशाला की मधुशाला .
.........
सुबह निकल पड़ता है घर से
लेकर माटी का प्याला
लौट शाम को घर आता है
पी कर थोड़ी सी हाला
तृप्त नहीं हो पाते सपनें
जीवन के मदिरालय में
अतृप्ति में जीवन यूँ ही
कट जाएगा मधुशाला
घनश्याम वशिष्ठ
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