kavighanshyam
Monday, 25 July 2011
गम में भी मुस्काकर देखो.............
क्यूँ अपनी किस्मत पे रोता
गम का बोझा दिल पर ढोता
गम जीवन का सत्य सास्वत
इसको गले लगाकर देखो
गम में भी मुस्काकर देखो
घनश्याम वशिष्ठ
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment