Wednesday 4 May 2011

सत्ता की चाह .....

सत्ता की चाह .....

सत्ता की मदमय हाला से 
बहुतों का प्यासा प्याला 
अपने प्याले में हाला की 
सोचे हर पीने वाला 
धन से, बल से, तिकड़म- छल से 
जैसे भी हो मिल जाए 
सत्ता के ठेकों की हाला 
बली- नशीली मधुशाला 

घनश्याम वशिष्ठ 

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