kavighanshyam
Wednesday 31 August 2011
प्रीत की दीवानगी में....
प्रीत की दीवानगी में....
वो यूँ ही अचानक मेरे जीवन में आ गए
बेरंग नज़ारे थे जो, वो रंग पा गए
थे मातमी माहौल में , गाना था मर्सिया
हम प्रीत की दीवानगी में फाग गा गए
घनश्याम वशिष्ठ
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