दो
मॄदु भावों के अंगूरो की
नहीँ.स्वार्थों की हाला
प्रियतम के छूने से पहले
सत्ता छुयेगी प्याला
पहला भोग शक्तिवानो का
फ़िर प्रियतम की सोचूँगा
प्रथम करे सत्ता का स्वागत
उदघाटन में मधुशाला
मॄदु भावों के अंगूरो की
नहीँ.स्वार्थों की हाला
प्रियतम के छूने से पहले
सत्ता छुयेगी प्याला
पहला भोग शक्तिवानो का
फ़िर प्रियतम की सोचूँगा
प्रथम करे सत्ता का स्वागत
उदघाटन में मधुशाला
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