Saturday 3 September 2011

भ्रष्टाचार या सरकार का विरोध करने वालों के लिए .......
रहना ज़रा, संभल कर इस बस्ती में 
समझो कि हो, सियारों की सरपरस्ती में

घनश्याम वशिष्ठ 

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