आठ
सत्ता पाने की अभिलाषा
हो उत्कट बनकर हाला
सिंहासन सुस्पर्श आभासित
हो ज्यों मदिरा का प्याला
बने ध्यान ही करते करते
जुगत सफल सत्ता सुख की
यही सफलता अधिकारों की
दिलवा देगी मधुशाला
घनश्याम वशिष्ठ
सत्ता पाने की अभिलाषा
हो उत्कट बनकर हाला
सिंहासन सुस्पर्श आभासित
हो ज्यों मदिरा का प्याला
बने ध्यान ही करते करते
जुगत सफल सत्ता सुख की
यही सफलता अधिकारों की
दिलवा देगी मधुशाला
घनश्याम वशिष्ठ
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