Thursday, 21 April 2011

पर्यावरण पर विशेष.......

झेली है जापान ने अभी कुदरती मार 
फिर भी धरती के प्रति चेता ना संसार 
चेता  ना संसार अभी जारी  है दोहन 
पर्यावरण का गड़बड़ सब कर रहा संतुलन
सृष्टि की रक्षा निमित,रही है दुनिया रॉय 
बोया पेड़ बबूल का,आम कहाँ  से होय 

   -घनश्याम वशिष्ठ 

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