kavighanshyam
Monday, 27 May 2013
हमने तो उन्हें महज़ ,ख़ूबसूरत चीज कहा ,
उनका मिजाज़ ,जानें क्यूँ बदतमीज़ हुआ .
घनश्याम वशिष्ठ
Wednesday, 22 May 2013
हमने तो सहेज कर रख लिए हैं ,
वो आंसू ..जो तुमने दिए हैं .
घनश्याम वशिष्ठ
Monday, 20 May 2013
आँखें भी क्या खूब करामाती हैं ,
बिना छुए ही छुवन का अहसास दे जाती हैं .
घनश्याम वशिष्ठ
Friday, 10 May 2013
नज़रें चुराते हो क्यूँ भला ,
कोई अपनी ही चीज़ चुराता है क्या .
घनश्याम वशिष्ठ
Wednesday, 8 May 2013
ये मेरा वजूद जो है,
माँ ..तेरा अंश ही तो है
घनश्याम वशिष्ठ
Tuesday, 7 May 2013
सत्ता जिनके हाथ उन्हें हक ,दादागिरी दिखानें का ,
लाठी जिनके हाथ उन्हें हक, भैंस हांक ले जाने का .
घनश्याम वशिष्ठ
Sunday, 5 May 2013
ऐसे भूलने लगते हैं लोग .......
अश्क बहाकर बैठे हैं ,हम घाव भुलाकर बैठे हैं ,
ज़रा सकूं ले लेने दो , अब ही घर आकर बैठे हैं .
घनश्याम वशिष्ठ
Saturday, 4 May 2013
मौत से अलग कुछ नहीं मिलना ,लैला मजनू बनकर ,
बेहतर है , तू अपने घर सुखी ..मैं अपने घर .
घनश्याम वशिष्ठ
Friday, 3 May 2013
सरबजीत तो हो गए मर कर अमर ,
पर थू -थू है ,पाकिस्तान तुझ पर .
घनश्याम वशिष्ठ
Wednesday, 1 May 2013
आम राय ....
दिल में तो बहुत सारी हैं ,
घर में एक ही भारी है .
घनश्याम वशिष्ठ
आम राय ....
दिल में तो बहुत सारी हैं ,
घर में एक ही भारी है .
घनश्याम वशिष्ठ
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